बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने भारत में अपने पैर स्थापित कर लिये हैं । इन्होंने विश्वव्यापीकरण को तीव्रता प्रदान करने में काफी…
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वैश्वीकरण का तात्पर्य है – दुनिया को एक वैश्विक गाँव में बदलना, जहाँ हर देश अन्य देशों के साथ व्यापार,…
भारत सरकार ने 1991 के बाद वैश्वीकरण की बाद उठाये विभिन्न कदम – आज का युग सूचना, तकनीक और संचार…
प्रतिकूल भुगतान संतुलन को दूर करने हेतु इस इकाई में पूर्व में उल्लेखित उपाय विकासशील देशों पर भी लागू होते…
विकासशील देशों के समक्ष विकास जनित दबाव के कारण कच्चामाल, मशीनरी, तकनीक इत्यादि के आयात की आवश्यकता रहती है। साथ…
व्यापार की शर्तों निम्न बातों पर निर्भर होती है।(क) देश के निर्यात माल की माँग लोच निर्यात माल की माँग…
वैश्वीकरण के लाभ :- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि, तकनीकी नवाचार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, रोजगार सृजन, निवेश के नए अवसर और उपभोक्ताओं…
जब किसी देश का आयात, निर्यात से अधिक हो जाय तो भुगतान संतुलन प्रतिकूल माना जाता है। निर्यात में कमी…
भुगतान संतुलन की परिभाषा, महत्त्व एवं व्यापार संतुलन से तुलना करने के पश्चात् भुगतान संतुलन के अतंर्गत सम्मिलित की जाने…
अंत में इन सबके होते हुए भी यह कहा जा सकता है कि ओहलिन का साधन-अनुपात सिद्धान्त अन्य समस्त सम्भव…