अंत में इन सबके होते हुए भी यह कहा जा सकता है कि ओहलिन का साधन-अनुपात सिद्धान्त अन्य समस्त सम्भव व्याख्याओं में (कि व्यापार क्यों होता है) एक प्रामाणिक व्याख्या हैं collagestudy.com Ad · by Google * 🔥 Management Accounting Book For BBA B.Com & M.Com of Various Universities Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Advanced Financial Management For M.Com. and other P.G. Classes Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 SELLING IS NOT CHEATING Sales is Strategy, Skills, Pricing, Marketing, and Ethics Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Goods and Services…
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किसी देश के प्रतिकूल भुगतान संतुलन को ठीक करने हेतु मौद्रिक उपायों के साथ-साथ अमौद्रिक उपाय भी कारगार सिद्ध होते है। इन उपायों का भी उपयोग किया जाता है। सामान्यतः निम्नांकित अमौद्रिक उपाय अपनाये जा सकते हैं: – Ad · by Google * 🔥 Financial Management,12e Paperback – 24 February 2021 Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Marketing Management, 16e Paperback – 1 April 2022 Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥Financial Reporting and Analysis Paperback – 1 January 2020 Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥Zero to One Notes on startups, or…
ओहलिन के सिद्धान्त का संक्षिप्त वर्णन Ad · by Google * 🔥 Management Accounting Book For BBA B.Com & M.Com of Various Universities Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Advanced Financial Management For M.Com. and other P.G. Classes Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 SELLING IS NOT CHEATING Sales is Strategy, Skills, Pricing, Marketing, and Ethics Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Goods and Services Tax (G.S.T) 13th Revised and updated Edition Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Income Tax For B.Com Classes A.Y. 2024-25 Buy on Amazon…
हेक्शर – ओहलिन सिद्धान्त तुलनात्मक लागतों के प्रतिष्ठित सिद्धान्त को शक्तिहीन नहीं करता वरन् इसका पूरक है क्योंकि यह सिद्धान्त भी यह स्वीकार करता है कि तुलनात्मक लाभ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का कारण होता है। जहां प्रतिष्ठित सिद्धान्त इस प्रश्न का उत्तर देने में कि दो देशों में तुलनात्मक लागों में अंतर क्यों होता है? असफल रहा है, वहां आधुनिक सिद्धान्त ने इस सम्बन्ध में सफलता प्राप्त की है। ओहलिन के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अन्तक्षेत्रीय व्यापार की एक विशेष स्थिति है। अन्तक्षेत्रीय व्यापार और अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के मध्य कोई आधारभूत अंतर न होकर केवल परिमाणात्मक अंतर है। ओहलिन का कथन है…
तुलनात्मक लागत का सिद्धान्त प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र का सबसे अधिक प्रसिद्ध सिद्धान्त माना जाता है। वास्तव में प्रथम विश्व युद्ध तक यह स्वीकार किया जाता था कि का तुलनात्मक लागत का विचार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की सबसे अच्छी व्याख्या है। इसके बाद भी इस क्षेत्र में जो भी उन्नति हुई वह परिपूरक स्वभाव की अधिक रही ।यह आधारमूलक प्रतिष्ठित सिद्धान्त वर्तमान युग के बहुत से अर्थशास्त्रियों द्वारा आधुनिक संदर्भ में केवल सुधार तथा विकसित किया गया है। प्रो. सैम्यूलसन के अनुसार तुलनात्मक लागत के सिद्धान्त में सत्य की प्रमुख झलक है।इसका अर्थ यह नहीं कि यह सिद्धान्त दोषरहित हैं। इसकी आधारशिलाऐ बहुत…
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अन्तर्राष्ट्रीय व्यवसाय में संरक्षण बाद की प्रवृति का आर्थिक विकास एवं सवृद्धि पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। विश्व के राष्ट्र की व्यापारिक उदारीकरण की मंशा ने व्यापार तथा प्रशुल्क में सामान्य समझौते गैट (GATT) की स्थापना को सम्भव बनाया। गैट एक बहुपक्षीय संधि है जो विश्व व्यापार के 80% क्षेत्र में हस्तक्षेप करती है। गैट के नियमों में व्यापार सम्बन्धी विवादों को निपटाना, परामर्श देना व्यापार दायित्वों का त्याग करना और प्रतिशोधात्मक उपायों को अपनाने की भी व्यवस्था है। गैट एक स्थायी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्य कार्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कर उदारीकरण । व्यापार को बिना किसी भेदभाव, आदान-प्रदान और…
ऋण एवं अग्रिम (Loans & Advances): किसी भी बैंक में सम्पति पक्ष की और की यह सबसे महत्वपूर्ण मद है क्योंकि बैंकों का सबसे प्रमुख कार्य उधार देना ही हैं। बैंक सामान्यतः नकद साख, अध विकर्ष व बिलों की कटौती के रूप में साख सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं। इस मद की जाँच करते समय अंकेक्षक को निम्न कदम उठाने चाहिए:-
सामाजिक अंकेक्षण की विधियों को निम्नलिखित दो वर्गों में रखा जा सकता है- उक्त के अतिरिक्त कम्पनी की आन्तरिक क्रियाओं का भी मापन किया जाता है। आन्तरिक क्रियाओं में उत्पाद की गुणवत्ता, मानव पर्यावरण, उत्पादकता तथा क्षमता का रख-रखाव आदि को सम्मिलित किया जाता है। इस विधि द्वारा प्रबन्धक यह जान सकते हैं कि सामाजिक आवश्यकताओं के सम्बन्ध में कम्पनी की गतिविधियों कितनी अनुकूल है तथा कम्पनी की योजनाजी में इस दृष्टिकोण से क्या परिवर्तन वाछनीय है।
किसी भी संस्था की गतिविधियों का समाज के विभिन्न घटकर्का पर भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभाव पड़ता है। समाज के विभिन्न घटक और उन पर भिन्न-भिन्न प्रभाव का वर्णन इस प्रकार है- इसके विपरीत यदि कम्पनी वायु जल अथवा ध्वनि का प्रदूषण करती है तो सभी पड़ोसियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है। अतः कम्पनी का अस्तित्व पड़ोस में जन-साधारण को कई प्रकार से प्रभावित करता है। collagestudy.com