Author: admin

वस्तु समझौते निम्न में से कोई भी प्रकार के हो सकते हैं:- उपर्युक्त वर्णित अन्तर्राष्ट्रीय क्रय-विक्रय समझौते वस्तुओं के दो या दो से प्रमुख आयातकों एवं निर्यातकों के मध्य सम्पन्न होते हैं। इस प्रकार के वस्तु समझौते का उदाहरण अन्तर्राष्ट्रीय गेहूँ समझौता है जिसमें उच्चतम मूल्य निर्धारित किया गया जिस पर देश अनुबन्धित मात्रा में आयातक देश को गेहूँ उपलब्ध करायेगे एवं न्यूनतम कीमत जिस पर देशों ने अनुबन्धित मात्रा में निर्यातक देशों से गेहूं क्रय करने का अनुबन्ध किया । -collagestudy.com इस प्रकार के समझौतों का प्रमुख लाभ है कि खुले बाजार की प्रवृत्ति को बाचाया जा सकता है।…

Read More

समूह-7 (Group-7) – विश्व के सात शीर्ष विकसित एवं औ‌द्यौगिक देशों का संगठन है जिसकी स्थापना 22 सितम्बर, 1985 को की गयी। इस संगठन के सदस्य देश है-संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाडा, और इटली । कुल 21,183 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इन देशों की कुल आबादी 5,479 लाख (1992) है। उल्लेखनीय है कि रूस को सर्वप्रथम 1993 की टोक्यो शिखर बैठक में शामिल होने के लिए जापान ने आमर्पित किया था। बाद के दो सम्मेलनों में जिस खुलेपन से रूस की भागीदारी रही है. उससे इस सम्भावना को काफी बल मिलता है कि निकट भविष्य में…

Read More

फिलिप कोटलर ‌द्वारा विपणन अंकेक्षण की निम्न विधियाँ बतलाई गई हैं विपणन अंकेक्षण की विधियाँ (Marketing Audit) : एक व्यापक, व्यवस्थित, स्वतंत्र और आवधिक जांच होती है, जिसका उद्देश्य विपणन गतिविधियों, रणनीतियों, प्रक्रियाओं और परिणामों का मूल्यांकन करना होता है। इसका उद्देश्य यह जानना होता है कि संगठन की विपणन रणनीति कितनी प्रभावशाली है और उसमें सुधार की आवश्यकता कहाँ है। इसके लिए विभिन्न विधियाँ अपनाई जाती हैं। यह एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसमें कंपनी की Strengths (ताकत), Weaknesses (कमज़ोरियाँ), Opportunities (अवसर) और Threats (खतरे) का विश्लेषण किया जाता है। इससे विपणन रणनीति के अनुकूलन में सहायता मिलती है। Ad…

Read More

कोमेसा (COMESA: Common Market for East-Southern Africa) अर्थात दक्षिणी-पूर्वी अफ्रीकी साझा बाजार पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीकी देशों का एक व्यापारिक संगठन है, कोमेसा COMESA का प्राथमिक उद्देश्य एक ऐसा आर्थिक समुदाय बनाना है जहाँ सदस्य देशों के बीच सामान, सेवाओं, पूंजी और लोगों का स्वतंत्र आवागमन संभव हो सके। इसके माध्यम से सदस्य देश आपस में व्यापार को सरल बनाकर गरीबी उन्मूलन, औद्योगीकरण, रोजगार सृजन और सतत विकास प्राप्त कर सकें। Ad · by Google * 🔥 Management Accounting Book For BBA B.Com & M.Com of Various Universities Buy on Amazon Ad · by Google * 🔥 Advanced Financial Management…

Read More

ओपेक (OPEC: Organisation of Petrolium Countries) 13 पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय तेल कम्पनियों और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के बीच चले विवाद की चरम परिणति के रूप में अस्तित्व में आया। समूह-15 (Group-15) : विश्व के 15 विकासशील देशों का एक संगठन है। सन् 1989 में बेलग्रेड (युगोस्लाविया) में हुये गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नौवें शिखर सम्मेलन के दौरान इस संगठन की स्थापना की गयी, जिसका उद्देश्य संबंधित देशों के बीच आर्थिक मुद्दों पर सार्थक बहस करना था। इसके संस्थापक सदस्य देश हैं – भारत, अर्जेन्टीना, युगोस्लाविया, ब्राजील, मिस, सेनेगल, नाइजीरीया अल्लीरिया वेनेजुएला, इंडोनेशिया, मलेशिया, पैरु जमैका,…

Read More

दिसम्बर 1991 में यूरोपीय संघ से सम्बन्धित जिस मास्ट्रिख्ट संधि पर 12 यूरोपीय देशों ने हस्ताक्षर किया था, वह 1 नवम्बर 1993 से विधिवत् लागू हो गयी है। यूरोपीय संघ (European Union – EU) एक राजनीतिक और आर्थिक संगठन है, जिसमें वर्तमान में 27 यूरोपीय देश शामिल हैं। इसकी स्थापना 1993 में मास्ट्रिख़ संधि के तहत हुई थी, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच शांति, स्थायित्व, आर्थिक सहयोग और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना है। EU का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में स्थित है। यह एकल मुद्रा यूरो, साझा नीतियां (जैसे पर्यावरण, न्याय, कृषि) और खुली सीमाओं की सुविधा…

Read More

आसियान क्षेत्रीय फोरम औपचारिक रूप से 24 जुलाई, 1994 को बैंकाक में कायम किया गया, जिसमें आसियान के 6 सदस्य देश बुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपर्पीस, सिंगापुर और थाईलैंड के साथ सलाहकार और परामर्श साझीदार के रूप में अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोपीय समुदाय, जापान तथा दक्षिण कोरिया सम्मिलित हुए । वियतनाम को आसियान ने 28 जुलाई, 1995 को अपनी सदस्यता प्रदान कर दी है। इस आशय की घोषणा बुनेई के बडार सेरी बेगावन में की गयी । इस प्रकार आसियान के सदस्य देशों की कुल संख्या 7 हो गई है। जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया के शेष तीन देशों- कम्बोडिया, लाओस और…

Read More

‘नाफ्टा’ अर्थात् नार्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट (NAFTA: North American Free Trade Agreement) – अथवा उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको का संगठन है, जो 17 नवम्बर, 1993 को अमेरिकी संसद द्वारा अनुमोदन के बाद 1 जनवरी 1994 से पूर्ण अस्तित्व में आ गया। यूरोपीय समुदाय की तरह ही यह व्यापार समूह भी अपने सदस्य देशों के बीच शुल्क निर्धारण करेगा तथा उनके अन्य व्यवसायिक हितों की देख-रेख करेगा। नाफ्टा के पूरे क्षेत्र की जनसंख्या 37 करोड़ है तथा इसका सकल घरेलु उत्पाद 6 खरब से 8 अरब डॉलर के बराबर है। इसकी जनसंख्या अटलांटिक…

Read More

भारत सहित दक्षिण एशिया के सात देशों में अंततः साप्टा (South Asian SAPTA Preferential Trade Arrangement) अर्थात् दक्षिण एशियाई वरीयता प्राप्त व्यापार व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। इस व्यवस्था की बदौलत 4 दिसम्बर, 1995 से दक्षिण एशिया का पहला क्षेत्रीय व्यापारिक गुट अस्तित्व में आ गया है। यह भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और मालदीव को परस्पर विशेष रियायतें उपलब्ध करायेगा । इसके लागू होने की घोषणा दक्षेस की दसवीं वर्षगांठ पर की गयी है। उल्लेखनीय है कि दक्षेस का गठन 1985 में किया गया था। 21-22 अक्टूबर, 2001 को सार्क सचिवालय में आर्थिक सहयोग पर सार्क…

Read More