ओपेक (OPEC: Organisation of Petrolium Countries) 13 पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय तेल कम्पनियों और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के बीच चले विवाद की चरम परिणति के रूप में अस्तित्व में आया।
- ये तेल कम्पनियां अपने आर्थिक हितों के लिए गुटबंदी करती र्थी तथा एक से अधिक देशों के तेल उत्पादन को नियंत्रण में रखती थी। फलतः विभिन्न देशों में तेल उत्पादन बढ़ाना या घटाना और उसकी कीमतों में बदलाव करना उनकी इच्छा पर निर्भर होता गा. इससे तेल उत्पादक देशों के बीच के संबंध कटु तो होते ही थे, साथ में आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती थी। इस संगठन की स्थापना का तात्कालिक कारण अंतर्राष्ट्रीय तेल कंपनियों की वह घोषणा थी जिसके तहत मध्य-पूर्व देशों के अशोधित तेल की कीमतों में कटौती की गां थी। स्पष्ट है कि इससे तेल उत्पादक देशों को काफी हानि उठानी पड़ती । परिणामस्वरूप तेल देशों ने 1962 में इराक की राजधानी बगदाद में एक सम्मेलन में ओपेक की स्थापना का निर्णय ।
- तीन अरब मुस्लिम देश इराक, कुवैत एवं सऊदी अरब गैर-अरब मुस्लिम देश ईरान, दक्षिण अमेरिकी गैर-अरब व गैर-मुस्लिम देश वेनेजुएला ओपेक के संस्थापक सदस्यहैं। विश्व तेल व्यापार का 70 प्रतिशत से भी अधिक भाग इन्हीं पांच देशों के हिस्से आता है। इस संगठन में बाद में शामिल देश है- अल्जीरिया इक्वाडोर, गैबन इंडोनेशिया, लीबीया, नाईजीरिया, कतर तथा संयुक्त अरब अमीरात । इस प्रकार ओपेक के सदस्य देशों की कुल संख्या 13 है। ऐसे देश भी इस संगठन की सदस्यता ग्रहण कर सकते है तो पर्याप्त मात्रा में अशोधित तेल निर्यात करते हो और जिनके हित मूल रूप से संगठन के सदस्य देशों के हितों से मिलते-जुलते हों ।
- पेट्रोलियम उद्योग में परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए 9 जनवरी, 1968 को अरब) पेट्रोलियम निर्यातक देशों ने एक अलग संगठन आएपेक (OAPEC: Organisation of Arab Petrolium Exporting Countries) की स्थापना की। इस संगठन के 11 सदस्य हैं अल्लीरिया बहरीन मिस्र, इराक, कुवैत, सीरीया कतर, सऊदी अरब, सीरीया ट्यूनीशिया और संयुक्त अरब अमीरात ।
समूह-15 (Group-15) : विश्व के 15 विकासशील देशों का एक संगठन है। सन् 1989 में बेलग्रेड (युगोस्लाविया) में हुये गुटनिरपेक्ष आंदोलन के नौवें शिखर सम्मेलन के दौरान इस संगठन की स्थापना की गयी, जिसका उद्देश्य संबंधित देशों के बीच आर्थिक मुद्दों पर सार्थक बहस करना था। इसके संस्थापक सदस्य देश हैं – भारत, अर्जेन्टीना, युगोस्लाविया, ब्राजील, मिस, सेनेगल, नाइजीरीया अल्लीरिया वेनेजुएला, इंडोनेशिया, मलेशिया, पैरु जमैका, मैक्सिकों और जिम्बाब्वे ।
- जी-15 का शिखर सम्मेलन क्रमशः बारी-बारी से सभी सदस्य देशों में आयोजित किया जाता है । इसका पहला शिखर सम्मेलन वर्ष 1990 में क्वालालम्पुर (मलेशिया) में, और बारहवा शिखर सम्मेलन 27-28 फरवरी 2004 को वेनेजुएला (काराकास) में सम्पन्न हुआ ।
- संक्षेप में, जी-15 का उद्देश्य विकासशील देशों के मध्य सहयोग, नीतिगत समन्वय और उनके बीच विकास से सम्बन्धित समस्याओं के बारे में समय-समय पर विचार करना है।
जी-20 : जी-20 का गठन 1999 में हुआ था। इसमें 19 देशों के दिल मंत्री और केन्द्रीय बैंकों के गर्वनर भाग लेते है। इसके अलावा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक भी इसमें शामिल है।
- जी-20 की स्थापना के बाद से इसकी बैठके बर्लिन, माण्ट्रियल, ओटावा में हो चुकी है जी-20 विश्व अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद का 65 प्रतिशत तथा विश्व जनसंख्या का 60 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।
- इसके अन्य सदस्यों में रूस, सऊदी अरब, तुर्की, आस्ट्रेलिया, इण्डोनेशिया, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, अर्जेण्टीना, ब्राजील तथा कोरिया गणराज्य शामिल है।
परिणामस्वरूप तेल देशों ने 1962 में इराक की राजधानी बगदाद में एक सम्मेलन में ओपेक की स्थापना का निर्णय लिया ।