विश्व व्यापार संगठन की स्थापना से विश्व समुदाय तथा इसके सदस्य राष्ट्रों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होने की प्रबल सम्भावनाएँ है
- अच्छी बाजार पहुँच (Better Market Access)- विश्व व्यापार संगठन की स्थापना से सभी राष्ट्रों को विश्वव्यापी बाजार उपलब्ध होगा। इससे अच्छी बाजार पहुँच के कारण विश्व की आय में 213 से 274 अरब डॉलर तक की वार्षिक वृद्धि होने की सम्भावना है।
- निर्यातों में तीव्र वृद्धि (Rapid Increase in Exports) विश्व व्यापार संगठन बहु पक्षीय व्यापार व्यवस्था को प्रोत्साहन देता है जिसके कारण सभी सदस्य राष्ट्रों को निर्यात सम्वर्द्धन के समान अवसर सुलभ होने लगे हैं। इस कारण से निर्यातों में तीव्र वृद्धि की सम्भावनाएँ प्रबल हो गयी है।
- बाजार पहुँच सुरक्षा में वृद्धि (Increase in Market Access Security) औद्योगिक उत्पादों पर उच्च तटकर बन्धनों के द्वारा विकसित देशों के लिए बाजार पहुंच सुरक्षा 78 से 99% तक तथा विकासशील देशों के लिए यह 22 से 72% तक बढ़ जाने की सम्भावना है।
- विश्व संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग (Optimum Utilisation of World resources)- विश्व व्यापार संगठन के कारण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार तुलनात्मक लागत सिद्धान्त के आधार पर होने से अन्तर्राष्ट्रीय विशिष्टीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे न केवल विश्व के संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग हो सकेगा, वरन् विश्व के व्यापारिक लाभों में भी वृद्धि होगी ।
- औद्योगिक उत्पादों पर तटकरों में कमी (Reduction in Traiffs on Industrial Products) – विश्व व्यापार संगठन व्यवस्था के तहत विकसित देश अपने औद्योगिकः उत्पादों पर लगे तटकरों में लगभग 38% की कटौती करेंगे जिसके कारण इन उत्पादों पर प्रशुल्क दर 6.3% से कम हो कर 3.9% ही रह जायेगी। तटकरों में कमी होने से उन वस्तुओं के व्यापार में और अधिक वृद्धि होगी ।
- कृषि उत्पादों को शत-प्रतिशत सुरक्षा (Cent-percent Security to Agriculture Products) – विश्व व्यापार संगठन के द्वारा गैर-तटकर बाधाओं के तटकरीयकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि उत्पादकों को 1%00 सुरक्षा प्राप्त हो सकेगी ।
- विकासशील देशों के निर्यातों को प्रोत्साहन (Promotion of Export of Developing Countries)- विश्व व्यापार संगठन व्यवस्था के कारण अब विकासशील देशों को अपने प्राथमिक उत्पादों को विकसित देशों के बाजारों में बेचने का सुअवसर मिलेगा जिससे उनके इन वस्तुओं के निर्यातों में आशातीत वृद्धि हो सकेगी और उनकी व्यापार शर्तों में सुधार हो सकेगा ।
- उत्पादन लागतों में कमी (Reduction in Cost of Production)- मिश्व व्यापार संगठन अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में खुली प्रतिस्पर्धा का पक्षधर है इसलिए विश्व व्यापार में इसके कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उत्पादन कुशलता में सुधार होगा । परिणामस्वरूप वस्तुओं की उत्पादन लागतों में कमी होगी और उनकी गुणवत्ता में सुधार होगा ।
- उपभोक्ताओं को अच्छी व सस्ती वस्तुएँ उपलब्ध होना (Availability of Cheap and Best Goods to Consumers) विश्व व्यापार संगठन के कारण खुली प्रतिस्पर्धा, बढ़ती व्यापार पहुँच तटकरों में कमी तथा उत्पादन लागतों में कमी के लाभउपभोक्ताओं को, अच्छी और सस्ती वस्तुओं के रूप में प्राप्त होंगे, । इस प्रकार वे पहले से अधिक और अच्छी वस्तुओं का रसास्वादन कर पाने में समर्थ होंगे ।
- व्यापार वृद्धि से विश्व के सभी राष्ट्रों को लाभ (Gains to all Countries due to increase in Trade) – विश्व व्यापार संगठन की स्थापना के फलस्वरूप वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापार, पर्यटन व्यवसाय आदि क्षेत्रों में भारी वृद्धि होगी जिसका लाभ सभी राष्ट्रों को प्राप्त होगा ।
- विकसित देशों द्वारा आयात शुल्कों में कमी करना (Reduction in Import Duties by Developed Countries) विश्व व्यापार संगठन के प्रावधार्नी के अनुरूप विकसित देशों को विकासशील देशों से अपने आयातों पर प्रशुल्कों में कभी करनी होगी जिसके कारण विकासशील राष्ट्रों के निर्यात में तीव वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। एक अनुमान के अनुसार विकसित देशी द्वारा आयात शुल्कों में कमी के कारण उनके द्वारा आयातित औद्योगिक उत्पादों की राशि में 20 से 43 % तक की वृद्धि हो जाने की आशा है।
- तकनीकी सुधार (Technological Upgradation) विश्व बाजार में पहुँच तथा बाधारहित व्यापार के कारण विकासशील राष्ट्र को विकसित राष्ट्रों की अच्छी और उन्नत तकनीक प्राप्त हो सकेगी तथा स्वतंत्र प्रतिस्पर्धा के कारण शोध एवं विकास को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे अद्यतन एवं श्रेष्ठ तकनीक विकसित हो सकेगी ।