प्रतिकूल भुगतान संतुलन को दूर करने हेतु इस इकाई में पूर्व में उल्लेखित उपाय विकासशील देशों पर भी लागू होते है तथा आज इन उपायों को विकासशील देशों के संदर्भ में लग किया जा सकता है। विकासशील देशों के विशेष परिस्थितियों को देखते हुए कुछ विशेष उपाय किया जाना उचित होगा। कुछ प्रमुख उपायों का विवरण इस प्रकार है :-
- निर्यात प्रोत्साहन पर विशेष जोर दिया जाय वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकासशील देशों को चाहिए कि वे निर्यात प्रोत्साहन पर विशेष जोर देवें ऐसी वस्तुओं का उत्पादन अधिक मात्रा में करे जिन वस्तुओं की विदेशों में अधिक मांग है। अपने देश में निर्यात आधारित इकाईयों की स्थापना की जाय। नये-नये देशों में अपनी वस्तुओं की मांग सृजित करें। परम्परा से हट कर नवीन वस्तुओं का निर्माण एवं निर्यात करने हेतु विशेष प्रयास किये जाय ।
- विदेशी विनियोग को आमंत्रित किया जाय भुगतान संतुलन को ठीक करने हेतु दूसरा विकासशील देशों के समक्ष प्रतिकूल महत्वपूर्ण उपाय विदेशी विनियोग को आमंत्रित किया जाय। तथा प्रवासी लोगों में देश की माटी की महक पैदा कर उन्हें विनियोग करने हेतु प्रेरित करें। विदेशी पूंजी की सुलभ प्राप्ति के लिए सरकार द्वारा विनियोजनों को कई प्रकार में सहायता पहुंचाई जाय। जैसे विनियोग पर सरकारी गारन्टी, कर की दरों में कमी, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर विशेष बल दिया जाय तथा देश में पूंजी आगमन से संबंधित रुकावटों को दूर किया जाय ।
- जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण तथा प्रदर्शन प्रभाव को सीमित किया जाय विकासशील देशों के समक्ष प्रतिकूल भुगतान संतुलन को संतुलित करने हेतु तीसरा उपाय है जनसख्या वृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जाय। जनसंख्या वृद्धि की दर को नियंत्रण करने हेतु उपलब्ध साधनों एवं सुविधाओं का उपयोग किया जाय ।साथ ही देश के नागरिक प्रदर्शन प्रभाव में प्रभावित न हो इसके लिए जन चेतना जगाना होगा ।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था का स्वरूप विकासशील देशों के अनुरूप किया जाय वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार लाने हेतु विकासशील देशों द्वारा प्राय निरन्तर प्रयास किये जाते रहे है। अभी हाल ही में दोहा, कानकुन सम्मेलन तथा हांगकाग सम्मेलनों में विकासशील देशों द्वारा प्रयास किये गये। विकासशील देशों द्वारा अपना पक्ष बहुत ही दृढ़ता से रखने के फलस्वरूप थोड़ी सफलता मिली। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का स्वरूप विकासशील देशों के अनुरूप किया जाय ।
- उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में सुधार विकासशील देशों द्वारा प्रतिकूल भुगतान संतुलन को दूर करने हेतु देश में नवीन उद्योगों पर विशेष बल दिया जाय साथ ही देश में सेवा क्षेत्र का विकास किया जाय ताकि विदेशी पर्यटकों एवं नागरिकों द्वारा सेवाओं का लाभ उठाया जा सकें एवं कुछ हद तक भुगतान संतुलन की प्रतिकूलता को ठीक किया जा सकता है।
इस प्रकार विकासशील देशों द्वारा प्राय बहुत ही चतुराई से विचारपूर्वक प्रयास करते हुए भुगतान संतुलन को संतुलित करने का प्रयास किया जाय ।