किसी भी संस्था में लागत अंकेक्षण अनेक उद्देश्यों के लिये कराया जा सकता है तथा संस्था के उद्देश्य उस व्यक्ति या संस्था पर निर्भर करते हैं जिसके द्वारा लागत अंकेक्षण कराया जा रहा है। लागत अंकेक्षण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-
- गणितीय शुद्धता की जाँच – लागत अंकेक्षण का प्रमुख उद्देश्य लागत लेखा पुस्तकों की लागत सम्बन्धी प्रविष्टियों की गणितीय शुद्धता की जाँच करना है।
- लागत लेखों को सत्यापित करना – लागत अंकेक्षण यह सत्यापित करता है कि लागतलेखे सही एवं लागत लेखा नियमों व सिद्धान्तों के अनुरूप रखे गये हैं।
- व्यर्यों के सही लेखांकन की जाँच – यह देखा जाता है कि माल के उत्पादन में किये गये व्ययों का लेखा एवं उनका विभाजन उचित किया गया है या नहीं।
- लागत लेखा योजना के परिणामों की जाँच – इसमें यह देखा जाता है कि-
(a) वस्तुओं की लागत को विभिन्न रीतिर्यो यथा बजट नियन्त्रण तथा प्रमाप लागत लेखांकन के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा है।
(b) सामग्री एवं श्रम लागत में हो रहे अपव्ययों को नियन्त्रित किया जा रहा हैं।
(c) लागत लेखा योजना किस्म सुधार, किस्म नियन्त्रण तथा मान विश्लेषण में सहायक हो रही है।
- त्रुटियों को दूर करना – इस अंकेक्षण के माध्यम से लागत लेखों की त्रुटियों व छल-कपट आदि को जात कर उसका निराकरण किया जाता है।
- अकुशलता को दर्शाना – लागत अंकेक्षण में लागत लेखा योजना की जाँच कर प्रबन्धकों द्वारा लिये निर्णयों की निपुणता एवं कुशलता की जाँच की जाती है।