समूह-7 (Group-7) –
विश्व के सात शीर्ष विकसित एवं औद्यौगिक देशों का संगठन है जिसकी स्थापना 22 सितम्बर, 1985 को की गयी। इस संगठन के सदस्य देश है-संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाडा, और इटली । कुल 21,183 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इन देशों की कुल आबादी 5,479 लाख (1992) है।
- इसमें ब्रिटेन की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम 16,600 अमेरिकी डॉलर और जापान की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक 33,710 अमेरिकी डॉलर है। प्रति व्यक्ति आय का यह आंकड़ा वर्ष 1991 का है।
- इन देशों में बरोजगारो की संख्या 1992 में 22.14 मिलियन थी। इसीलिए प्रति वर्ष होने वाले शिखर सम्मेलनों में बेरोजगारी की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने, रोजगार के नये अवसरों का सूजन करने, मंदी से उबरने तथा अर्थतंत्रों में गतिशीलता लाने पर बल दिया जा रहा है।
- इस समूह का उद्देश्य आर्थिक सहित अन्य सभी क्षेत्रों में पारस्परिक सुरक्षा की दृष्टि सो तादात्मय स्थापित करना है। उल्लेखनीय है कि इन विकसित देशों में औद्यौगिक कल-कारखानों की बहुतायत, उसके उत्पादों का निर्यात और उससे होने वाली आय ही समृद्धि का मुख्य स्त्रोत है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में संरक्षण पनपने के कारण इन देशों के व्यापार में कमी आयी है।
- 1994 और 1995 में समूह-7 का शिखर सम्मेलन क्रमशः नेपल्स (इटली) और कनाडा (21वां) में आयोजित हुआ। नेपल्स शिखर सम्मेलन की सबसे प्रमुख बात रूस समूह-7 का पूर्ण बनाना रही। हालांकि रूस को अभी राजनीतिक उपायों पर होने वाले विचार-विमर्श में ही शामिल किया गया है और आर्थिक मामलों पर होने वाली बातचीत से अलग रखा गया है। इसके पीछे प्रमुख कारण यह कि कि रूस की अर्थव्यवस्था अभी समूह के सदस्य देशों की तरह मुख्य बाजार वाला नहीं है तथा वह अभी अपने पैरों पर पूर्णतः खड़ा होने के लिए पश्चिमी सहायता पर ही निर्भर है।
उल्लेखनीय है कि रूस को सर्वप्रथम 1993 की टोक्यो शिखर बैठक में शामिल होने के लिए जापान ने आमर्पित किया था। बाद के दो सम्मेलनों में जिस खुलेपन से रूस की भागीदारी रही है.
उससे इस सम्भावना को काफी बल मिलता है कि निकट भविष्य में समूह-7 का स्वरूप बदलकर समूह 8 बन जायेगा। ज्ञातव्य है कि 1978 से ही 12 सदस्यीय यूरोपीय संघ आयोग को पूर्ण भागीदारी का दर्जा प्राप्त है।
ओ.ई.सी.डी (OECD)
ओ.ई.सी.डी. (OECD: Organisation of Economic Cooperation and Development) अर्थात आर्थिक विकास व सहयोग संगठन विश्व के सभी विकसित देशों का संगठन है। पहले इसकी सदस्य संख्या 24 थी, लेकिन 1 जनवरी, 1996 से विश्व के विकसित देशों की सूची में सिंगापुर के शामिल हो जाने से अब यह संख्या 25 हो गयी है। इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है।
- दवितीय विश्व युद्ध के पश्चात् यूरोप के पुननिर्माण के लिए यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन (OEEC: Organisation of European Economic Cooperation) बनाया गया था । उल्लेखनीय है कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री मार्शल द्वारा प्रस्तावित सहायता अभिवचन के प्रत्युत्तर में ओ.ई.इ.सी का गठन हुआ था, इसलिए इसे मार्शल सहायता भी कहा जाता था।
- इस प्रस्ताव पर सहमति 1948 में पेरिस में आयोजित यूरोपीय देशों के एक सम्मेलन में हुई। 1961 में इसका नाम बदलकर ओ.ई.सी.डी. रख दिया गया क्योंकि इसमें तब तक गैर यूरोपीय देश संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाड़ा भी शामिल हो गये थे। सम्पति इस पुनर्गठित सदस्य देशों को आर्थिक प्रगति मैं अधिकाधिक सहयोग प्रदान करना तथा लोगों के जीवन स्तर को और उन्नत करना है
इस संगठन के प्रमुख उदेश्य है:-
- सदस्य देशों में उच्चतम आर्थिक विकास तथा रोजगार की व्यवस्था करना, जीवनयापन के स्तर को उन्नत करना ।
- आर्थिक स्थिरता को बनाए रखते हुए विश्व की अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक होता।
- सदस्य देशों में तथा अन्य देशों में स्वस्थ आर्थिक विकास और विस्तार में सहयोग देना।
- विश्व व्यापार के ऐसे विस्तार में सहयोग देना, जो बहु-पक्षीय हो तथा अन्तर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार तथा कोई विशेष भेदभाव न करने वाला हो ।