वैश्वीकरण के लाभ :- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि, तकनीकी नवाचार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, रोजगार सृजन, निवेश के नए अवसर और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प जैसे अनेक लाभ मिलते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि
वैश्वीकरण के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विभिन्न देशों के बीच आयात-निर्यात सरल हुआ है, जिससे व्यवसायों को नए बाज़ार मिले हैं। तकनीकी सहयोग और मुक्त व्यापार समझौतों ने व्यापार की गति को तेज किया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थान मिला है।
- वैश्वीकरण के कारण व्यावसायिक संस्थाओं का आकार बहुत बड़ा हो जाता है तथा ये बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं विपणन का कार्य करती हैं।
- व्यावसायिक संस्थाओं को पूरे विश्व में व्यवसाय करने की छूट मिल जाने से उनको विश्वव्यापी बाजार के लाभ प्राप्त होते है।
- वैश्वीकरण से देश में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ-साथ स्वदेशी बहुराष्ट्रीय निगर्मी का विकास भी हो रहा है।
- वैश्वीकरण से तकनीकी ज्ञान सर्वत्र उपलब्ध होता है। इससे तकनीकी शोध, अनुसंधान तथा औद्योगिक उत्पादन की नवीन तकनीकों का विकास संभव है ।।
- वैश्वीकरण के कारण व्यवसाय की प्रतिस्पर्धी क्षमता का विकास होता है तथा व्यावसायिक संस्थाओं को वैश्वीकरण के कारण स्थानान्तरण की सुविधा मिल जाती है।
- वैश्वीकरण से देश में अच्छे श्रम सम्बन्ध और पेशेवर प्रबन्धन का विकास हुआ है।
- वैश्वीकरण से देश में आधारभूत संरचना का विकास हुआ है। सड़क, विद्युत, परिवहन, रेल, वायुयान बन्दरगाह आदि क्षेत्रों में तीव्र विकास इसी की देन है।
- वैश्वीकरण को अपनाने से प्रमुख सामाजिक समूहों यथा ग्राहकों, कर्मचारियों, निवेशकों, अंशधारियों, ऋणधारियों तथा सरकार में आपसी सहयोग बढ़ा है ।
- वैश्वीकरण से देश की सामाजिक समस्याओं यथा गरीबी, बेकारी, भुखमरी, बीमारी, अशिक्षा आदि का निवारण भी हो सकता है।
- वैश्वीकरण से देश के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार होता है। श्रेष्ठ वस्तुएँ, दवाएँ, शिक्षा, मनोरंजन तथा विलासिता की वस्तुएँ उपलब्ध होने से लोगों का जीवन अधिक सुखमय एवं उच्च स्तर का होने लगता है।
- वैश्वीकरण से विश्व में कहीं भी निवेश के अवसरों के सृजन से लाभ प्राप्त होता है।
- वैश्वीकरण के कारण पूँजी का प्रवाह बढ़ जाता है। वैश्वीकरण के पूर्व किसी नये निवेश में केवल उसी राष्ट्र के निवासी ही निवेश कर सकते थे तथा ऐसा वे उस सीमा तक कर सकते थे, जिस सीमा तक उनके पास निवेश करने के लिए मुद्रा थी। परन्तु वैश्वीकरण की स्थिति में दूसरे देशों के व्यक्ति भी उस परियोजना में निवेश कर सकते हैं। इससे उन्हें तो लाभ अवश्य होगा परन्तु साथ-ही-साथ उन राष्ट्रों के निवासियों को भी बड़े पैमाने पर उत्पादन का लाभ प्राप्त हो सकेगा। इससे राष्ट्र का आर्थिक, वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षेत्र में विकास होगा तथा विकास के नये आयाम जनता के समक्ष आयेंगे ।
- अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिस्पर्धा के कारण उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।
- वैश्वीकरण से संचार तकनीक, बैंक, बीमा तथा सूचना के क्षेत्र में जबर्दस्त क्रान्ति आयी है। कोई भी घटना अब कुछ ही पलों में सारे विश्व तक पहुंचाई जा सकती है ।
- वैश्वीकरण से सामाजिक व राजनीतिक समस्याओं व मुद्दों ने विश्वव्यापी रूप ले है। अब किसी क्षेत्र की समस्याओं पर सारा विश्व विचार करता है क्योंकि सबके हित आपस में जुड़े हुए हैं।
- वैश्वीकरण के कारण बाजार क्षेत्र में विस्तार हुआ है अतः उपभोक्ताओं को बहुत सस्ती कीमतों पर सामान उपलब्ध होने लगा है। उत्पादन में संख्यात्मक ही नहीं अपितु गुणात्मक परिवर्तन भी हुआ है।