विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य वैश्विक गरीबी को कम करना और विकासशील देशों में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना है। यह विभिन्न देशों को तकनीकी सहायता, वित्तीय सहायता और नीति मार्गदर्शन प्रदान करता है। विश्व बैंक का लक्ष्य शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अवसंरचना, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सुधार लाकर सतत विकास को सुनिश्चित करना है। यह सामाजिक असमानताओं को कम करने और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करता है। इसके कार्यक्रम रोजगार सृजन, आर्थिक स्थिरता, और जीवन स्तर में सुधार लाने पर केंद्रित होते हैं। विश्व बैंक शांति और समृद्धि की दिशा में एक वैश्विक साझेदार है।
- सदस्य राष्ट्रों का पुनर्निर्माण एवं विकास विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य युद्ध जर्जरित राष्ट्रों के पुनर्निर्माण और अल्पविकसित देशों के आयोजित विकास में आर्थिक सहायता प्रदान करना है ।
- पूँजी विनियोग को प्रोत्साहन बैंक का दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य निजी विनियोगकर्ताओं को उनकी पूंजी की गारण्टी देकर अथवा ऋणी में भाग लेकर उन्हें पिछड़े हुए देशी में उत्पादक विनियोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
- दीर्घकालीन सन्तुलित व्यापार को प्रोत्साहन देनाइसका तीसरा उद्देश्य विदेशी व्यापार के दीर्घकालीन सन्तुलित विकास में सहायता प्रदान करना है और इस प्रकार उत्पादकता, रहन-सहन के स्तर और श्रमिक वर्ग की दशाओं के सुधार की प्रोत्साहित करना है।
- शान्तिकालीन अर्थव्यवस्था की स्थापना इसका चौथा उद्देश्य सदस्य देशी की युद्धकालीन अर्थव्यवस्था को शान्तिकालीन अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है।
- विश्व बैंक की सदस्यता 1944 में जो मुद्राकोष के प्रारम्भिक सदस्य बने वे सब विश्व बैंक के भी सदस्य मान लिए गए थे। बाद में सदस्यों का प्रवेश तत्कालीन सदस्यों के तीन चौथाई बहुमत से किया जाता रहा है। बैंक की सदस्यता निरन्तर बढ़ती चली गई है। 1946 में इसके केवल 30 सदस्य थे, 30 जून 1990 को विश्व बैंक की कुल सदस्य संख्या 152 थी। मार्च, 1994 में विश्व बैंक के सदस्यों की संख्या 177 थी। वर्तमान में सदस्यों कीसंख्या 182 है।
- विश्व बैंक की पूँजी स्थापना के समय इसकी अधिकृत पूंजी 10 अरब डालर रखी गई थी, जो 1 लाख डालर के 1 लाख अंशों में विभाजित थी। बैंक की पूंजी में तीन चौथाई बहुमत में वृद्धि की जा सकती है। विश्व बैंक अंशों की राशि का भुगतान निम्न प्रकार होता है :-
- अंशदान का 2 प्रतिशत भुगतान स्वर्ण, डॉलर या SDR में
- सदस्य देश को अपनी अंश पूंजी का 18 प्रतिशत भुगतान अपने की मुद्रा में करना होता है।
- शेष 80 प्रतिशत भुगतान विश्व बैंक द्वारा मांगने पर सदस्य देश बैंक में जमा कराया जाता है।
- मताधिकार विश्व बैंक के सदस्य देशों की मताधिकार शक्ति उनके अंशदान पर निर्भर है। प्रत्येक सदस्य राष्ट्र के 250 मत होते हैं तथा इसके अतिरिक्त प्रत्येक 1 लाख डालर के अंशदान एक अतिरिक्त मत प्राप्त होता है।
- विश्व बैंक का संगठन विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष जेम्स डी. वोल्फेनसन है। विश्व बैंक के संगठन के अन्तर्गत निम्न को शामिल किया जाता है –
- गर्वनर मण्डल – इस मण्डल में प्रत्येक राष्ट्र एक गर्वनर और एक वैकल्पिक गवर्नर की नियुक्ति करता है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है। ये बैंक के अंशधारियों के प्रतिनिधि लेते हैं और बैंक की समस्त शक्ति गर्वनर मण्डल में निहित होती है। इसकी प्रतिवर्ष में एक साधारण होती है। वर्तमान में भारत के वित्त मन्त्री श्री प्रणव मुर्खजी तथा स्थानापन्न गवर्नर श्री मॉन्टेक सिंह हैं।
- कार्यकारी संचालक मण्डल – कार्यकारी संचालकों की नियुक्ति 2 वर्ष के (लिए की जाती है (। वर्तमान में इनकी संख्या 22 है। ये संचालक बैंक की सामान्य क्रियाओं के लिए उत्तरदायी होते है । प्रत्येक नियुक्त संचालक अपने को नियुक्ति करने वाले सदस्य राष्ट्र का मत डालता है।’
- सलाहकार परिषद् – 7 सदस्यों की एक सलाहकार परिषद गठित की गई है जिसमें बैंकिंग, व्यापार, उद्योग, श्रम तथा कृषि के विशेषज्ञ होते हैं।
- ऋण समितियाँ – सदस्य देशों द्वारा माँगे गये ऋणों की उपयुका जाँच । करने के लिये बैंक ऋण समितियों नियुक्ति करता है, जो यथासमय अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।