Close Menu
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram Vimeo
COLLAGE STUDY
Subscribe Login
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
COLLAGE STUDY
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
Home»Business»वस्तु समझौते के प्रकार (Types of commodity aggrements)
Business

वस्तु समझौते के प्रकार (Types of commodity aggrements)

adminBy adminJune 29, 2025No Comments4 Mins Read
Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp VKontakte Email
वस्तु समझौते के प्रकार (Types of commodity aggrements)
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

वस्तु समझौते निम्न में से कोई भी प्रकार के हो सकते हैं:-

  1. कोटा व्यवस्था अन्तर्राष्ट्रीय कोटा समझौते किसी वस्तु की पूर्ति के नियन्त्रण तथा उसके मूल्य में हुई गिरावट को नियन्त्रित करने के उद्देश्य से किये जाते हैं। कोटा व्यवस्था के अन्तर्गत निर्यात कोटा का निर्धारण किया जाकर आपसी समझौते के आधार पर इसका वितरण समभागी राष्ट्र को कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए कॉफी के प्रमुख उत्पादकों लेटिन अमेरिका तथा अफ्रीका के बीच काफी समझौते के अन्तर्गत एक सीमा का निर्धारण कर दिया जाना जिसके अन्तर्गत प्रत्येक देश ‌द्वारा काफी का निर्यात किया जायेगा ।
    • सैद्धान्तिक दृष्टि से कोटा निर्धारण बुरा है क्योंकि इससे संसाधनों का गलत वितरण होता है। यह व्यवस्था गैर कुशल उत्पादको को भी संरक्षण प्रदान करती है, बाजार को बाधित करती है तथा सम्भवतः उत्पादक को उपयुका स्तर पर पूर्ति करने के नीचे रखती है।
    • कोटा व्यवस्था के बहुत सारे लाभ भी हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि ये स्टॉक के अधिक एकत्रित होने से बचाते हैं, और पूर्ति के विभिन्न लक्ष्यों को पूर्ण करते हुए संवेदनशील निर्णयों को लेने में मदद करते हैं। कोटा समझौते कॉफी और शक्कर के लिए किये गये हैं एवं भविष्य में अनेक वस्तुओं जैसे चाय एवं केले के लिए भी इस प्रकार के समझौते होने की सम्भावना है।
  2. बफर स्टॉक समझौते अन्तर्राष्ट्रीय बफर स्टॉक समझौते माँग पूर्ति के संतुलन को बनाये रख कर वस्तु के मूल्य को स्थिर रखते हैं। बफर स्टॉक समझौते बाजार में किसी वस्तु के मूल्य बढ़ने की स्थिति में आपूर्ति में वृद्धि करके तथा कीमतों में गिरावट की स्थिति में बाजार से अतिरिक्त आपूर्ति को खींचकर मूल्यों को स्थिर रखते हैं। बफर स्टॉक के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय एजेन्सी की आवश्यकता होती है जो कीमत की न्यूनतम उच्चतम सीमा को निर्धारित करे एवं न्यूनतम मूल्य पर क्रय करे और उच्चतम मूल्य पर विक्रय कर सके। ये प्रक्रिया कोको, शक्कर आदि वस्तुओं पर लागकी गई है एवं रबड़, चाय, ताँबा आदि पर लागू करने की भावी योजना है।
    • बफर स्टॉक समझौतों की कुछ सीमाएँ भी हैं। ये उन्हीं वस्तुओं के लिए किया जा सकता है जिनका भण्डारण कम कीमत पर और बिना नुकसान के किया जा सके । इसके लिए। अधिक मात्रा में वित्त और वस्तु का स्टॉक होना अति आवश्यक है।
  3. द्‌वीपक्षीय बहुपक्षीय अनुबन्ध अनुबन्ध एक पक्षीय या बहुपक्षीय हो सकते हैं। एकपक्षीय समझौते का आशय किसी वस्तु की निश्चित माग के क्रय तथा विक्रय, समझौते के अन्तर्गत निर्धारित हुई कीमतों पर किये जाते हैं। ऐसे समझौते आयातक तथा निर्यातक के मध्य ही अंकते हैं एवं अन्तर्राष्ट्रीय क्रय-विक्रय दो या दो से अधिक आयातको तथा निर्यातकों के मध्या होना । सम्भव है अतः ये अनुबन्ध बहुपक्षीय समझौतों का आकार भी ले सकते हैं। यह समझौते सामान्यतः प्रमुख, आपूर्तिकर्ताओं तथा प्रमुख (बड़े) आयातकों के बीच होते हैं।
    • इस प्रकार के समझौती में वस्तु की उच्चतम तथा न्यूनतम मूल्य उल्लेखित कर दी जाती है। यदि बाजार का मूल्य समझौते की सम्पूर्ण अवधि में पूर्ण निर्धारित सीमा के मध्य रहता तो समझौता निष्क्रिय हो जाता है। किन्तु यदि बाजार का मूल्य निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक हो जाता है तो निर्यातक देश ‌द्वारा आयातक देश को वस्तु का निधर्धारित मात्रा में विक्रय, समझौते में निर्धारित अधिकतम मूल्य पर करना होगा । इसके विपरीत यदि बाजार का मूल्य निर्धारित न्यूनतम मूल्य से कम हो जाता है तो आयातक देश ‌द्वारा अनुबन्धित मात्रा में वस्तु का क्र.स. निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर करना होगा ।

उपर्युक्त वर्णित अन्तर्राष्ट्रीय क्रय-विक्रय समझौते वस्तुओं के दो या दो से प्रमुख आयातकों एवं निर्यातकों के मध्य सम्पन्न होते हैं। इस प्रकार के वस्तु समझौते का उदाहरण अन्तर्राष्ट्रीय गेहूँ समझौता है जिसमें उच्चतम मूल्य निर्धारित किया गया जिस पर देश अनुबन्धित मात्रा में आयातक देश को गेहूँ उपलब्ध करायेगे एवं न्यूनतम कीमत जिस पर देशों ने अनुबन्धित मात्रा में निर्यातक देशों से गेहूं क्रय करने का अनुबन्ध किया । -collagestudy.com

इस प्रकार के समझौतों का प्रमुख लाभ है कि खुले बाजार की प्रवृत्ति को बाचाया जा सकता है। लेकिन इसके विपरीत ये दो मूल्य प्रणाली को जन्म देते है। कई जगह तो केवल सरकारी के बीच वित्त का आदान-प्रदान हो सकता है जो की उत्पादक एवं उपभोक्तः से बहुत दूर होता है। इन समझौतों के लिए घरेलू नियन्त्रण एवं बफर स्टॉक का होना अति आवश्यक है जिससे देशों की। सरकारें इस तरह के वस्तु समझौते करने में सक्षम हो सके ।

Ad · by Google *
Product 1

🔥 Financial Management,12e

Paperback – 24 February 2021

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 2

🔥 Marketing Management, 16e

Paperback – 1 April 2022

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 3

🔥Financial Reporting and Analysis

Paperback – 1 January 2020

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 4

🔥Zero to One

Notes on startups, or how to build the future

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 5

🔥 Think And Grow Rich

Original Edition (Complete), Premium Paperback

Buy on Amazon
CBSE Collagestudy college Delhi University Education Matsayauniversity Nalanda University NCERT Open University Rajasthan University Study Vmou Kota
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email
Previous Articleसमूह-7 , ओ.ई.सी.डी (OECD)
Next Article What is Micro and Macroeconomic analysis ?
admin
  • Website

Related Posts

निगम की आलोचनाएँ

July 2, 2025

वित्त निगम के कार्य

July 2, 2025

वित्त निगम के उद्देश्य

July 1, 2025

बैंक के कार्य

July 1, 2025
Leave A Reply Cancel Reply

Years : Archives

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

Categories
  • Accountancy (14)
  • Aggrements (1)
  • Banking (8)
  • Business (35)
  • Collage Study (143)
  • Education (72)
  • International Business (46)
  • M.COM Final (46)
  • M.COM Previous (16)
  • Management (7)
  • Marketing (11)
  • News (2)
  • Principle (4)
  • Uncategorized (13)
Recent Posts
  • निगम की आलोचनाएँ
  • वित्त निगम के कार्य
  • वित्त निगम के उद्देश्य
  • बैंक के कार्य
  • विश्व बैंक के उद्देश्य
Social Follow
  • Facebook
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
  • Telegram
  • WhatsApp
Calendar
July 2025
MTWTFSS
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031 
« Jun    
Tops List
Banking
निगम की आलोचनाएँ
By adminJuly 2, 20250

निगम के कार्यों की निम्नलिखित आधारों पर आलोचना की गयी है – Ad · by…

वित्त निगम के कार्य

July 2, 2025

वित्त निगम के उद्देश्य

July 1, 2025

बैंक के कार्य

July 1, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
© 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

Sign In or Register

Welcome Back!

Login to your account below.

Lost password?