Close Menu
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
Facebook X (Twitter) Instagram
Facebook X (Twitter) Instagram Vimeo
COLLAGE STUDY
Subscribe Login
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
COLLAGE STUDY
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
Home»Collage Study»भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
Collage Study

भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें

adminBy adminJune 20, 2025No Comments5 Mins Read
Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp VKontakte Email
भुगतान संतुलन की प्रमुख मदें
Share
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

भुगतान संतुलन की परिभाषा, महत्त्व एवं व्यापार संतुलन से तुलना करने के पश्चात् भुगतान संतुलन के अतंर्गत सम्मिलित की जाने वाली प्रमुख मदों की जानकारी होना आवश्यक है। भुगतान संतुलन का प्रारूप व्यापारिक स्थिति विवरण की तरह होता है। इसके क्रेडिट साइड में समस्त प्राप्तियों को दर्शाया जाता है जबकि डेबिट साइड में समस्त भुगतान दिखाए जाते है। डेबिट एवं क्रेडिट के अन्तर में भुगतान संतुलन की स्थिति को समझा जा सकता है।

भुगतान संतुलन की प्रमुख मर्दों को दो भागों में विभाजित कर दर्शाया जाता है। प्रथम चालू खाता (Current Account) जिसे दृश्य एवं अदृश्य (Visible & invisible) मदें सम्मिलित की जाती है। ‌द्वितीय पूंजी खाता (Capital Account) होता है। जिसमें पूंजीगत मदें यथा विनियोग एवं ऋणों को सम्मिलित किया जाता है।भुगतान संतुलन की प्रमुख मदों का विस्तृत विवरण इस प्रकार है:-

Ad · by Google *
Product 1

🔥 Financial Management,12e

Paperback – 24 February 2021

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 2

🔥 Marketing Management, 16e

Paperback – 1 April 2022

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 3

🔥Financial Reporting and Analysis

Paperback – 1 January 2020

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 4

🔥Zero to One

Notes on startups, or how to build the future

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 5

🔥 Think And Grow Rich

Original Edition (Complete), Premium Paperback

Buy on Amazon
  • चालू खाता (Current Account) – भुगतान संतुलन के चालू खातों के अतंर्गत निम्नांकित मदों को सम्मिलित किया जाता है-
    • दृश्य व्यापार :- दृश्य व्यापार के अतंर्गत वस्तुओं एवं सेवाओं के आयात निर्यात से संबंधित भुगतार्नी का समावेश किया जाता है। इसी मद का विवरण व्यापार संतुलन कहलाता है अतः यह भुगतान संतुलन की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मद होती है।
    • अदृश्य व्यापार :- अदृश्य व्यापार के अतंर्गत विविध सेवाएं तथा यात्रा, परिवहन, बीमा, राष्ट्रीय आय एवं व्यय ऋणों पर ब्याज, पूंजी लाभांश, अपने दूतावासों का किया गया व्यय, दण्ड, तकनीकी विशेषज्ञों का मानदेय, स्कॉलरशिप, विदेशों में जाने वाले प्रतिनिधि मण्डल का व्यय, विदेशों में इलाज कराने वाले रोगियों का व्यय, विदेशी पत्रिकाओं चन्दा इत्यादि अन्य विविध व्यय अदृश्य व्यापार के अतंर्गत सम्मिलित किये जाते हैं।इस प्रकार दृश्य व्यापार एवं अदृश्य व्यापार का योग कुल चालू खाता कहलाता है।
  • पूंजी खाता (Capital Account) – पूंजी खाते में दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन विनियोग से संबंधित वस्तुओं को सम्मिलित किया जाता है। विदेशी निवेश विदेशी सहायता, व्यापारिक उधार एवं अल्पकालीन ऋण पूंजी खाते की प्रमुख मर्दे है। सामान्यतः पूंजी खाते में निजी एवं व्यक्तिगत खातों का शेष भुगतान, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सम्बद्ध भुगतान एवं प्राप्तियां तथा सरकारी खातों का शेष भुगतान सम्मिलित किये जाते है। यह कहा जा सकता है कि पूंजी खार्तों के माध्यम से देश के निवासियों को विदेशी निवासियों से प्राप्त होने वाली राशिअथवा अन्य देय के निवासियों को दी जानेवाली राशि में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी होती है।

इस प्रकार भुगतान संतुलन की प्रमुख मदों को वस्तुओं का आयात निर्यात, प्रमुख सेवाएं जैसे बैंक, बीमा, विशेषज्ञों की सेवाएं, ब्याज लाभांश, उपहार, दीर्घकालीन विनियोग, अल्पकालीन विनियोग इत्यादि सम्मिलित की जाती है।

भुगतान संतुलन सदैव संतुलित रहता है – किसी भी देश का भुगतान संतुलन सदैव संतुलित रहता है चाहे व्यापार संतुलन संतुलित न रहता हो । भुगतान संतुलन का विवरण बढ़ी खाते की तरह दोहरी प्रविष्टि पर आधारित होता है। अतः कुल देनदारियों तथा कुल लेनदारियों अर्थात डेबिट एवं क्रेडिट पक्ष सदैव बराबर रहा है। अतः लेखांकन के संदर्भ में भुगतान संतुलन सदैव बराबर रहता है। यद्यपि इसके अंतर को ऋण के माध्यम से पूर्ण कर समान दिखाया जाता है। यह संतुलन चालू खाता एवं पूंजी खाता दोनों के संदर्भ में देखा जाता है। अर्थात चालू खाता का घाटा पूंजी खाते के अतिरेक से पूरा हो जाता है। पूंजी खाते के घाटे को चालू खातें के अतिरेक से पूरा किया जाता है। इस प्रकार चालू खाता एवं पूंजी खाता दोनों के संदर्भ में एक देश की कुल प्राप्तियां एवं भुगतान सदैव बराबर रहते हैं।

Ad · by Google *
Product 1

🔥 Management Accounting Book

For BBA B.Com & M.Com of Various Universities

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 2

🔥 Advanced Financial Management

For M.Com. and other P.G. Classes

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 3

🔥 SELLING IS NOT CHEATING

Sales is Strategy, Skills, Pricing, Marketing, and Ethics

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 4

🔥 Goods and Services Tax (G.S.T)

13th Revised and updated Edition

Buy on Amazon
Ad · by Google *
Product 5

🔥 Income Tax

For B.Com Classes A.Y. 2024-25

Buy on Amazon

भुगतान संतुलन में असाम्यता – यद्यपि लेखा की दृष्टि से भुगतान संतुलन सदैव संतुलित रहता है, किन्तु ऐसे संतुलन अवास्तविक होता है। व्यावहारिक ऋण किसी देश के भुगतान संतुलन में अतिरेक अथवा घाटा दिखाई देता है। जब किसी देश के भुगतान दायित्वों की तुलना में विदेशों में प्राप्तियां कम होती है तो उसे प्रतिकूल भुगतान संतुलन कहते है। इसके विपरीत प्राप्तियां अधिक होती है तथा भुगतान कम होता है तो उसे अनुकूल भुगतान संतुलन कहते है।

CBSE collage Collage study Collagestudy Delhi University Education Matsayauniversity Nalanda University NCERT Open University Rajasthan University Rrb Study Vmou Kota
Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr WhatsApp Email
Previous Articleभुगतान संतुलन – अर्थ एवं परिभाषा
Next Article भुगतान संतुलन में प्रतिकूलता के कारण
admin
  • Website

Related Posts

वैश्वीकरण के दोष

June 25, 2025

वैश्वीकरण की ओर कदम

June 25, 2025

विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन को सुधारने हेतु प्रयास

June 23, 2025

विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन की समस्या

June 23, 2025
Leave A Reply Cancel Reply

Years : Archives

Subscribe to Updates

Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

Categories
  • Accountancy (14)
  • Banking (2)
  • Business (4)
  • Collage Study (112)
  • Education (41)
  • International Business (15)
  • M.COM Final (15)
  • M.COM Previous (14)
  • Management (7)
  • Marketing (10)
  • News (2)
  • Principle (4)
  • Uncategorized (13)
Recent Posts
  • वैश्वीकरण के दोष
  • वैश्वीकरण की ओर कदम
  • विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन को सुधारने हेतु प्रयास
  • विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन की समस्या
  • व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले तत्व
Social Follow
  • Facebook
  • Pinterest
  • Instagram
  • YouTube
  • Telegram
  • WhatsApp
Calendar
June 2025
MTWTFSS
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30 
« May    
Tops List
Business
वैश्वीकरण के दोष
By adminJune 25, 20250

वैश्वीकरण का तात्पर्य है – दुनिया को एक वैश्विक गाँव में बदलना, जहाँ हर देश…

वैश्वीकरण की ओर कदम

June 25, 2025

विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन को सुधारने हेतु प्रयास

June 23, 2025

विकासशील देशों में प्रतिकूल भुगतान संतुलन की समस्या

June 23, 2025
Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
  • Home
  • Collage Study
  • News
  • Contact Us
  • About Us
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
© 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

Sign In or Register

Welcome Back!

Login to your account below.

Lost password?